उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किए गए तहसीम ने खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में बड़े खुलासे किए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि जेल में रहने के दौरान तहसीम अपने आका शाहिद के साथ मिलकर अन्य कैदियों को अमीरी के सब्जबाग दिखाकर मोटिवेट करते थे।
मुजफ्फरनगर से पकड़े गए आईएसआई एजेंट की पूछताछ में एक और नया खुलासा हुआ है। दिल्ली, अमृतसर और अन्य जेलों में बंद रहने के दौरान भी आईएसआई एजेंट शाहिद और तहसीम पाकिस्तान से नकली नोट, हथियारों की सप्लाई, भारत देश में सौहार्द बिगाड़ने की न सिर्फ प्लानिंग तैयार करते थे बल्कि अन्य कैदियों को भी साथ जोड़कर अमीर आदमी बनाने का सब्जबाग दिखाया जाता था।
खुलासा होने के बाद एसटीएफ अब आईएसआई एजेंटों के जेल में बंद रहने के दौरान उनसे मिलने वालों का ब्योरा जुटा रही है, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके और उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सके।
आईएसआई एजेंट तहसीम पूर्व में कैराना के ही रहने वाले अमीर अहमद के साथ 70 हजार की नकली करेंसी के साथ दिल्ली में पकड़ा गया था। पता चला है कि जेल में रहने के दौरान भी वह नकली नोट और हथियारों की तस्करी के लिए अन्य कैदियों को अमीर बनने के सब्जबाग दिखाते हुए झांसे में लेता था।
जेल से छूटने के बाद तहसीम दूसरी बार रमन शर्मा के साथ आठ लाख की नकली करेंसी के साथ पकड़ा गया था। तीसरी बार पंजाब के अमृतसर में गाड़ी में 22 लाख की नकली करेंसी के साथ पकड़ा गया। अमृतसर जेल में उसकी मुलाकात आईएसआई एजेंट कैराना के ही शाहिद से हुई थी। दोनों ने जेल में ही अन्य कैदियों को भी धंधे में शामिल करने के लिए मोटीवेट किया।
जेल में दोनों आईएसआई एजेंटों से कौन- कौन लोग मिलते थे, उनके साथ कौन-कौन बंदी और कैदी बंद रहे। एसटीएफ उनका पता लगाने में जुट गई है। बताया गया कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
माना यह भी जा रहा है कि दोनों जेल से बंद रहने के दौरान भी गुर्गों के माध्यम से हथियार और नकली नोट सप्लाई करा रहे थे। एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि गिरोह के फरार सदस्य युसुफ सम्शी और अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है। इसके अलावा गिरोह के फरार सदस्यों का पता लगाकर उन पर शिकंजा कसा जाएगा।
जेल से छूटने पर आईएसआई हैंडलर दिलशाद और इकबाल बढ़ाते थे हौंसला
तहसीम ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जेल से छूटने के तुरंत बाद ही आईएसआई हैंडलर दिलशाद मिर्जा और इकबाल काना शाहिद और तहसीम का हौसला बढ़ाते थे। कहा जाता था कि काम में लगे रहो, जेल भी तो अपना ही घर है। मालामाल कर दिए जाओगे।
घर पर आता रहता था तहसीम
कोतवाली पुलिस के अनुसार तहसीम पुलिस, एसटीएफ और एलआईयू के अधिकारियों के सभी सवालों के जवाब दे रहा था। फरारी के दौरान पंजाब और उत्तराखंड में रहने के दौरान वह शामली में अपने घर पर मोहल्ला नौ कुआं पर भी आता रहता था।