श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने बंगाल में साधुओं पर हुए हमले को लेकर सीएम ममता पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि ममता को ‘भगवा’ रंग देखकर गुस्सा आ जाता है। इसलिए वो हमले कराती हैं।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने पश्चिम बंगाल में साधुओं पर हुए हमले पर पलटवार किया है। उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री पर हमला बोला। आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि किसी ने ममता बनर्जी को मुमताज खान नाम दिया था। राम नवमी और अन्य धार्मिक जुलूसों पर हमले हुए हैं। जब वह ‘भगवा’ रंग देखती हैं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वो हमले कराती हैं। यह घटनाएं बेहद निंदनीय हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा साधुओं की पिटाई करने से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो बंगाल के पुरुलिया जिले का बताया जा रहा है। दावा है कि साधु गंगासागर जा रहे थे, लेकिन पुरुलिया में गुंडों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की।
30 सेकेंड के वीडियो में साधुओं के एक समूह को भीड़ ने निर्वस्त्र कर पीटा। वीडियो में सड़क पर भारी भीड़ देखी जा रही है। एक शख्स संत के केश पकड़कर खींच रहा है। दूसरा लाठी से निर्वस्त्र संत की पिटाई कर रहा। इसके अलावा कुछ लोग लात भी मार रहें हैं।
घटना के बाद भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने सीएम ममता पर हमला बोला है। अमित मालवीय ने इस घटना की तुलना 2020 में पालघर में हुई घटना से की। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि, ‘पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बहुत ही चौंकाने वाला घटना सामने आई है। मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं के समूह को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा।’
‘ममता बनर्जी को अपनी चुप्पी पर शर्म आनी चाहिए। क्या आपके लिए इन साधुओं की कोई अहमियत नहीं है? हमें इस अत्याचार का जवाब चाहिए।’ हालांकि, इस मामले पर टीएमसी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने कहा कि भगवान राम के राजनीतिक इस्तेमाल पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि दो प्रकार की नीति है, एक राजनीति और दूसरी धर्मनीति। उन्होंने (भाजपा) भगवान राम को अपना बनाया और आज उनके पास उनका आशीर्वाद है। यह ‘राजनीति’ नहीं बल्कि ‘धर्मनीति’ है। राम राज्य अब आ रहा है।