December 12, 2024

मुंबई: 16 वर्षीय लड़की ने सुनाई आपबीती, पिता और भाई ने 2 साल तक किया रेप

By admin Jan 25, 2022

स्कूल के अधिकारियों ने एक NGO की मदद लड़की को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी.

नई दिल्ली:

मुंबई (Mumbai) में एक 16 वर्षीय लड़की की आपबीती सुनकर उसके शिक्षक हैरान रह गए. लड़की ने पिता और भाई पर 2 साल से अधिक समय तक रेप का आरोप लगाया है. लड़की के बयान के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल, मामला तब सामने आया, जब लड़की ने अपने स्कूल की टीचर और प्रिंसिपल को अपनी आपबीती बताई. स्कूल के अधिकारियों ने एक NGO की मदद लड़की को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दिए अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि उसके 43 साल के पिता ने जनवरी 2019 में पहली बार उसका यौन शोषण किया था, जब उसे अकेले सोते हुए देखा था. उसके भाई (20 साल) ने भी उसी माह उससे छेड़छाड़ की.

छोटी बहन संग ऐसा होने के डर से बताई आपबीती

पीड़िता ने बताया कि उसे डर था कि ऐसा ही सलूक उसकी छोटी बहन के साथ भी हो सकता है. उसके पिता और भाई उसकी छोटी बहन का भी यौन शोषण करेंगे, यही वजह है कि उसने अपने शिक्षक को आपबीती बताई. लड़की की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया. उसके पिता और भाई को हिरासत में ले लिया गया. कड़ाई से पूछताछ के दौरान  दोनों ने अपना गुनाह मान लिया, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

क्या होता है पॉक्सो एक्ट?

POCSO एक्ट का पूरा नाम ‘The Protection Of Children From Sexual Offences Act’ या प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट है. हिंदी में इसे ‘लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012’ कहते हैं. पोक्सो एक्ट-2012; को बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया. इसे महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बनाया था. साल 2012 में बनाए इस कानून के अनुसार अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है.

देश में बच्चियों के साथ बढ़ती दरिंदगी को रोकने के लिए ‘पॉक्सो एक्ट-2012’ में बदलाव करा गया है. इसके तहत अब 12 साल तक की बच्ची से रेप के दोषियों को मौत की सजा दी जाएगा. इस एक्ट में नाबालिग बच्चों के साथ यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में सख्त कार्रवाई होती है. वहीं, एक्ट के सेक्शन 35 के अनुसार, अगर कोई विशेष परिस्थिति न हो तो इस मामले का निपटारा एक साल में किया जाना होता है.

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