हरियाणा के बहादुरगढ़ जिले में एक ट्रक के चालक और परिचालक की मौत हो गई है। दोनों के शव रेलवे ट्रैक पर अलग-अलग दूरी पर पड़े मिले। दिलचस्प बात यह है कि चालक की मौत के बाद परिचालक नागरिक अस्पताल में उसके शव के साथ नजर आया था, लेकिन एक घंटे बाद उसका शव भी ट्रैक पर ही पड़ा मिला। रेलवे पुलिस ने इसे हादसा मानकर सामान्य कार्रवाई करते हुए मंगलवार को दोनों शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान करीब 32 वर्षीय सतीश और 30 वर्षीय लक्की उर्फ फंटूश के रूप में हुई है। दोनों आगरा की रामबाग कॉलोनी के रहने वाले थे। एक ही गली में रहते थे और आगरा में ही स्थित आरसी कंपनी में काम करते थे। सतीश कंपनी की गाड़ी चलाता था तो उसी गाड़ी पर लक्की परिचालक था। दोनों में अच्छा दोस्ताना था। शनिवार को दोनों गाड़ी ( हाइवा ) में सरिया लोड करके बहादुरगढ़ के लिए चले।
रविवार की रात को आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचे। गाड़ी खाली नहीं हुई थी तो सोमवार की सुबह चाय पीने की बात कहकर निकल गए। इसके बाद करीब 11 बजे छोटूराम नगर के नजदीक सतीश का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। इस शव की पहचान भी नहीं हो सकी थी कि करीब 12 बजे लक्की का शव रेलवे ट्रैक पर ही मिला। जैसे-तैसे पहचान के बाद रेलवे पुलिस ने इनके परिजनों तक संपर्क किया। देर शाम को कंपनी कर्मचारी और पड़ोसी बहादुरगढ़ पहुंचे।
पुलिस ने उनसे मृतकों के बारे में जानकारी जुटाई। मृतक सतीश परिवार का इकलौता पुत्र था। तीन बच्चों का पिता था। पिछले करीब 15 साल से कंपनी में काम करता था। पहले कंडक्टरी की, फिर चालक बन गया। पिछले 12 साल से गाड़ी चला रहा था। वहीं लक्की भी घर में अकेला कमाने वाला था। कई साल पहले लक्की के बड़े भाई की मौत हो गई थी। तब से लक्की ही घर संभाल रहा था। अविवाहित लक्की अपने बूढ़े माता-पिता का सहारा था।
पुलिस ने हादसा मानकर की कार्रवाई
रेलवे पुलिस ने सतीश और लक्की की मौत को ट्रेन हादसा मानकर सामान्य कार्रवाई की है। दोनों के शव मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए, लेकिन पुलिस की यह थ्योरी गले से नहीं उतर रही। दोनों के शव दो किलोमीटर दूरी पर मिले हैं। पहले सतीश का शव ट्रैक पर मिला। तब कपड़ों से मिले आधार कार्ड के जरिए सतीश की पहचान हो सकी थी, लेकिन लक्की के पास पहचान संबंधित कुछ नहीं मिला था। केवल एक पर्ची पर लिखा मोबाइल नंबर मिला, जिस पर पुलिस ने कॉल की तो फोन स्विच ऑफ मिला। बाद में परिचितों के आने पर सतीश की शिनाख्त के साथ ही लक्की की शिनाख्त हो पाई थी।
साथी की मौत के बाद अचानक गायब हुआ
बताया जा रहा है कि जब सतीश के शव को नागरिक अस्पताल में रखवाया जा रहा था तो उस वक्त लक्की भी वहां पर आया था, लेकिन कुछ ही देर में वहां से अचानक गायब हो गया। फिर करीब 12 बजे उसका शव रेलवे ट्रैक पर मिला। गाड़ी एमआईई में थी तो दोनों का चाय पीने रेलवे ट्रैक के पास जाना और सतीश की मौत के बाद अचानक लक्की की मौत हो जाना, अपने आप में सवाल बन गया है। सतीश की मौत के सदमे में आकर लक्की द्वारा आत्महत्या किए जाने की भी चर्चा है, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस दोनों को दुर्घटना में मौत मान रही है। जांच अधिकारी रवि ने बताया कि दोनों की जान दुर्घटनावश गाड़ी की चपेट में आने से हुई है।