कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। किसी कहानी को बताने का सबसे सरल तरीका भी। बरेली के एक शिक्षक ने ऐसी ही तस्वीर बनाई है, जिसमें तिरपाल से मंदिर तक श्री रामलला की कहानी दर्शायी गई है।
बरेली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त स्वतंत्र चित्रकार एवं कला शिक्षक दिवाकर आर्य के चित्र अयोध्या में लगने वाली प्रदर्शनी स्थान पाएंगे। उन्होंने अयोध्या और श्री रामलला पर आधारित अनूठी पेंटिंग बनाई हैं। दिवाकर आर्य ने बताया कि 19 से 21 जनवरी तक अयोध्या कला संस्कृति संस्थान एवं स्वदेशी संस्थान, भारत की ओर से ‘अयोध्या कला संस्कृति महाकुंभ चित्रकला प्रदर्शनी’ के लिए उनकी पेंटिंग मांगी गई हैं। 22 जनवरी के बाद उत्कृष्ट कलाकारों को वहां सम्मानित भी किया जाएगा।
दिवाकर आर्य ने बताया कि उनकी पेंटिंग का शीर्षक ‘तिरपाल से मंदिर तक श्री रामलला’ है, जो एक्रेलिक कलर से बनाई गई है। इसमें उन्होंने तिरपाल में बैठे रामलला के साथ सर्वोच्च न्यायालय, श्री राम मंदिर, सरयू घाट, कारसेवक पुरम की प्राचीन दीवार और श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के पुरोधा महंत श्री नृत्यगोपाल दास को भी दर्शाया है। पेंटिंग अब तक की पूरी दास्तां बयां कर रही है।
स्वतंत्रता संग्राम का भी कर चुके हैं चित्रण
चित्रकार दिवाकर आर्य आजादी के अमृत महोत्सव की वीर गाथा का भी चित्रण कर चुके हैं। उन्होंने कैनवास पर एक्रेलिक रंगों से सन 1857 से 1947 तक का स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास और वीर शहीदों को उकेरा। वह कारगिल विजय और पुलवामा शहीदों के चित्र भी बना चुके हैं।