December 12, 2024

Ram Mandir Pran Pratishtha: ‘प्रभु राम तो सबके हैं, भाजपा का कॉपी राइट तो नहीं’, कीर्ति आजाद ने कसा तंज

By admin Jan 13, 2024

Ram Mandir Ayodhya: तृणमूल नेता ने कहा कि जरूरी नहीं कि हम 22 तारीख को ही वहां जाएं। अगर हम 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे तो सनातन धर्म के हम विरोधी कहलाएंगे, ये तो लोगों का कहना गलत है। अभी तो दो शंकराचार्य ने भी कहा कि अभी मंदिर पूरा बना नहीं है, अधूरा है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता व पूर्व सांसद कीर्ति झा आजाद ने दरभंगा स्थित आवास पर कहा कि राम मंदिर और भगवान राम किसी एक व्यक्ति के तो नहीं है, वे सबके लिए हैं। यह कोई जरूरी नहीं कि सभी आदमी 22 जनवरी को ही अयोध्या जाएं। यह लोगों कहना गलत है कि अगर 22 जनवरी को जो लोग अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे, वे सनातन धर्म के विरोधी हो जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुई थी बड़ी प्रसन्नता
पूर्व सांसद कीर्ति झा आजाद ने कहा कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश मंदिर के पक्ष में आया था, तब बड़ी प्रसन्नता हुई थी। सभी जानते हैं कि हम लोग मिथिला से आते हैं, यह माता सीता की जन्म स्थली है और प्रभु श्री राम का ससुराल है। इससे बढ़कर हमारे लिए और प्रसन्नता की बात क्या होगी कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ है। उसमें भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।

‘क्या शंकराचार्य भी सनातन विरोधी हैं’
तृणमूल नेता ने कहा कि जरूरी नहीं कि हम 22 तारीख को ही वहां जाएं। अगर हम 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे तो सनातन धर्म के हम विरोधी कहलाएंगे, ये तो लोगों का कहना गलत है। अभी तो दो शंकराचार्य ने भी कहा कि अभी मंदिर पूरा बना नहीं है, अधूरा है। उन लोगों ने भी आने से इनकार कर दिया है तो क्या वे सभी सनातन विरोधी हैं, ऐसा नहीं है। इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, मां सीता की तरफ से यहां से हम लोग लाखों की संख्या में अयोध्या जाएंगे और प्रभु श्री राम के दर्शन करेंगे।

‘धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाती है भाजपा’
कीर्ति झा आजाद ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ये तो शुरू से पता है कि ये भाजपा के लोग धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाते हैं। लेकिन प्रभु राम तो सबके हैं। भाजपा का कॉपी राइट तो नहीं है। रामनवमी के दिन अवश्य जब तक मंदिर तैयार हो गया था, उस दिन करना चाहिए था क्योंकि उस दिन रामलला के छोटे बचपन की मूर्ति लग रही है। उसकी प्राण प्रतिष्ठा हो रही है।

‘सिया के बिना अधूरे राम’
आजाद ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा कि भगवान राम त्रेता काल से हैं। अगर मां सीता नहीं होतीं तो भगवान राम को भी ये प्रताप नहीं मिलता जो उन्हें मिला है। मुझे बड़ा अजीब लगता है कि जब लोग श्री राम बोलते हैं। लोग बोलते हैं गौरी शंकर, राधा कृष्ण, लक्ष्मी नारायण तो सिया राम क्यों नहीं। सिया के बिना तो राम अधूरे हैं।

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