फरीदाबाद : ग्लोबल फ्रेम आर्ट (जीएफए) द्वारा एन.एच.एक स्थित कार्यालय पर स्वर कोकिला एवं भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस श्रद्धांजलि सभा में जीएफए के डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता, रमाकांत तिवारी, फिल्म कलाकार अशोक डी स्टार, कोर्डिनेटर संजू सांवरिया, प्रीत कौर, शैली बब्बर, सुरेश सिंह, परम सन्धू आदि ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
उपस्थित साथियों को सम्बोधित करते हुए जीएफए के डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि स्वर कोकिला लता जी का शरीर पूरा हो गया। कल सरस्वती पूजा थी, मां विदा हो रही हैं। लगता है जैसे मां सरस्वती इस बार अपनी सबसे प्रिय पुत्री को ले जाने ही स्वयं आयी थीं। मृत्यु सदैव शोक का विषय नहीं होती। मृत्यु जीवन की पूर्णता है। लता जी का जीवन जितना सुन्दर रहा है, उनकी मृत्यु भी उतनी ही सुन्दर हुई है। 93 वर्ष का इतना सुन्दर और धार्मिक जीवन विरलों को ही प्राप्त होता है। लगभग पांच पीढिय़ों ने उन्हें मंत्रमुग्ध हो कर सुना है और हृदय से सम्मान दिया है।
रमाकांत तिवारी, प्रीत कौर, संजू सांवरिया ने कहा कि लता जी के पिता ने जब अपने अंतिम समय में घर की बागडोर उनके हाथों में थमाई थी, तब उस तेरह वर्ष की नन्ही जान के कंधे पर छोटे-छोटे चार बहन-भाइयों के पालन की जिम्मेवारी थी। लता जी ने अपना समस्त जीवन उन चारों को ही समर्पित कर दिया। और आज जब वे गयी हैं तो उनका परिवार भारत के सबसे सम्मानित प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है। किसी भी व्यक्ति का जीवन इससे अधिक सफल क्या होगा। भारत पिछले कई दशकों से लता जी के गीतों के साथ जी रहा है। हर्ष में, विषाद में, ईश्वर भक्ति में, राष्ट्र भक्ति में, प्रेम में, परिहास मे हर भाव में लता जी का स्वर हमारा स्वर बना है।