December 12, 2024

दिल्ली में कैब का मनमाना किराया नहीं बढ़ा सकेंगी ओला-उबर जैसी कंपनियां, ड्राइवरों का रेटिंग सिस्टम होगा

By admin Jan 25, 2022

कैब में पैनिक बटन होना जरूरी होगा और 3.5 से कम रेटिंग वाले ड्राइवरों को कैब कंपनियां द्वारा ट्रेनिंग के लिए भेजना होगा. कैब की रियल टाइम लोकेशन जानने के लिए ऐसी कंपनियों के पास एक कंट्रोल रूम होना अनिवार्य होगा,

नई दिल्ली: दिल्ली में ऑनलाइन कैब सेवा (Cab aggregators) प्रदान करने वाली कंपनियों द्वारा पीक ऑवर में मनमाने तरीके से किराया बढ़ाए जाने के खिलाफ नए नियम-कायदे बनाए जा रहे हैं. ओला-उबर जैसी कैब एग्रीगेटर्स के लिए तैयार नए मसौदे में कहा गया है कि सर्ज प्राइस (surge pricing) यानी पीक ऑवर में बढ़ने वाला किराया बेस फेयर के दोगुने से ज्यादा नहीं हो सकता. मोटर वहिकल एग्रीग्रेटर्स स्कीम, 2021 में यह प्रावधान किया गया है. इसे दिल्ली सरकार ने सोमवार को जारी किया. इन कैब कंपनियों को वाहनों के अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी शामिल करना होगा. कैब कंपनियां मौजूदा वक्त में पीक डिमांड के वक्त सर्ज प्राइसिंग लागू कर ग्राहकों से ऊंची कीमत वसूलती हैं, लेकिन इस पर कोई नियमन या नियंत्रण दिल्ली सरकार का नहीं है.

कैब में पैनिक बटन होना जरूरी होगा और 3.5 से कम रेटिंग वाले ड्राइवरों को कैब कंपनियां द्वारा ट्रेनिंग के लिए भेजना होगा. कैब की रियल टाइम लोकेशन जानने के लिए ऐसी कंपनियों के पास एक कंट्रोल रूम होना अनिवार्य होगा, ताकि ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.

कैब एग्रीग्रेटर्स को सभी ड्राइवरों की जानकारी भी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के साथ साझा करनी होगी. शुरुआती समय में दोपहिया और तिपहिया वाहनों का दस फीसदी इलेक्ट्रिक रखना होगा. योजना के लागू होने के एक साल में इसे 50 फीसदी तक लाना होगा.

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 50 से ज्यादा वाहनों का परिचालन करने वाली कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा. ऐसे कैब ऑपरेटर्स को या तो कंपनी एक्ट के तहत पंजीकृत होना चाहिए या फिर कोऑपरेटिव सोसायटी के तहत उनका पंजीकरण होना जरूरी है. 2008 के लिमिटेड लायबिलिटी पाटर्नरशिप ऐक्ट के तहत रजिस्टर्ड संगठन भी ऐसा कर सकते हैं.

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